Thursday, March 13, 2014

बरसात कि रात चाची के साथ

में अपनी कॉलेज की छुट्टियों में अपनी सबसे छोटी चाची के घर गया हुआ था . मेरे चाचा जी आर्मी में थे साल में सिर्फ़ कभी कभार ही घर आया करते थे . उन दिनों में सेकंड इयर के एक्साम दे चुका था . इस लिए मेरी जवानी अपने सुरूर पर थी मेरी चाची को अभी कोई बच्चा नही था उनकी शादी को अभी दो साल ही हुए थे. लेकिन चाचा शादी से पहले ही आर्मी में थे . इसलिए चाची के साथ ज्यादा टाइम साथ नही रह पाए थे . पहले मैंने कभी अपनी चाची को ग़लत नजरो से नही देखा था . लेकिन एक दिन चाची बाज़ार गई हुई थी . के तभी अचानक बारिश शुरू हो गई . में टी वी पर मूवी देख रहा था मूवी में कुछ सीन थोड़े से सेक्सी थे . जिन्हें देख कर मन के ख्याल बदलना लाजमी था . उस टाइम मेरे मन में बहुत उत्तेजना पैदा हो रही थी . में धीरे धीरे अपने लंड को सहलाने लगा .



तभी डोर बेल बजी में अचानक घबरा गया . मुझे लगा जैसे किसी ने मुझे देख लिया हो . लेकिन मुझे याद आया के घर में तो कोई है ही नही में बेकार में डर रहा था .मैंने जाकर दरवाजा खोल दिया . बाहर चाची खड़ी थी उनका बदन पूरी तरह पानी से भीगा हुआ था और वो आज पहले से भी ज्यादा जवान और खुबसूरत लग रही थी . मैंने दरवाजा बंद कर दिया और जैसे ही पीछे मुड़ा तो मेरी नज़र चाची की कमर पर पड़ी जहा पर उनकी गुलाबी साड़ी के बलाउस से उनकी काले रंग की ब्रा बाहर झांक रही थी

चाची ने सामान सोफे पर रखा और मुझसे बोली सावन मेरा पूरा बदन भीग चुका है इस लिए तुम मुझे अंडर से एक तोलिया ला दो में तोलिया ले आया तो चाची मुस्कुराते हुए बोली समान हाथो में लटका कर लेन से मेरे हाथ दर्द करने लग गए है . इसलिए तुम मेरा एक छोटा सा काम करोगे मैंने पूछा क्या काम है. चाची बोली जरा मेरे बालो से पानी सुखा दोगे . मैंने कहा क्यूँ नही . चाची सोफे पर बैठ गई. मैंने देखा बालो से पानी निकल कर उनके गोरे गालो पर बह रहा था मैं चाची के पीछे बैठ गया और उनको अपने पैरो के बिच में ले लिया और बालो को सुखाने लगा .

चाची का गोरा और भीगने के बाद भी गरम बदन मेरे पैरो में हलचल पैदा कर रहा था. बाल सुखाते हुए मैंने धीरे से उनके कंधे पर अपना हाथ रख दिया . चाची ने कोई आपत्ति नही की . धीरे से मैंने उनकी कमर सहलानी शुरू कर दी . तभी अचानक चाची कहने लगी मेरे बाल सूख गए है अब में भीतर जा रही हू . वो कमरे में चली गई पर मेरी साँस रुक गई मैंने सोचा शायद चाची को मेरे इरादे मालूम हो गए . कमरे में जाकर चाची ने अपने कपड़े बदलने शुरू कर दिए. जल्दी में चाची ने दरवाजा बंद नही किया वो ड्रेसिंग मिरर के सामने खड़ी थी उन्होंने अपना एक एक कपड़ा उतर दिया . मैंने अचानक देखा के चाची बड़ी गोर से अपने बदन को ऊपर से नीचे तक ताक रही थी . मेरा दिल अब और भी पागल हो रहा था और उस पर भी बारिश का मौसम .जैसे बाहर पड़ रही बुँदे मेरे तन बदन में आग लगा रही थी . अबकी बार चाची ने मुझे देख कर अनदेखा कर दिया . शायद ये मेरे लिए ग्रीन सिग्नल था .

में कमरे में अन्दर चला गया चाची बोली अरे सावन मैंने अभी कपड़े नही पहने तुम बाहर जाओ . में बोला चाची मैंने तुम्हे कपड़ो में हमेशा देखा लेकिन आज बिन कपड़ो के देखा है अब तुम्हारी मर्ज़ी है तुम मेरे सामने ऐसे भी रह सकती हो . और कहते हुए मैंने उनको बाहों में ले लिया . उन्होंने थोडी सी न नुकर की लेकिन मैंने जयादा सोचने का टाइम नही दिया और बिंदास उनको किस करनी शुरू कर दी मैंने देखा की उसने आँखे बंद कर ली . इस में उनकी सहमति छुपी थी . में दस मिनट तक उसे किस करता रहा इस बीच गरम होंट उसके गोरे बदन के ज़र्रे ज़र्रे को चूम गए .

अचानक चाची ने मुझे जोर से धक्का दिया और में नीचे गिर गया एक बार को में फ़िर डर गया लेकिन अगले ही पल मैंने पाया के चाची मेरे उपर आकर लेट गई थी .और मेरे सरे कपड़े उतार दिए हम दोनों के बीच से कपड़ो की दिवार हट चुकी थी . मेरा लंड पूरी तरह तैनात खड़ा था . तभी उसने मेरे उपर आकर मेरे लंड को अपने नरम होंटो से छुआ और अपने मुह में ले लिया . वो मेरे ऊपर इस तरह बैठी थी की उसकी चूत बिल्कुल मेरे होंठो पर आ टिकी थी मैंने चूत को बिंदास चाटना शुरू कर दिया . उसके मुह से मेरा लुंड आजाद हो गया था और आआह्छ ………आआआआआआःःःःः ………ऊऊऊऊःःःःःःः …….ऊओफ्फ्फ्फ़ . की आवाज उसके मुह्ह से आने लगी थी और तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया . ओर वो मुझ से बोली ऊह मेरे सेक्सी सावन मेरी चूत तुम्हारे इस सुडोल लंड को लिए बिना नही रह सकती पलीस सावन अपने इस प्लेयर को मेरी चूत के प्लाय्ग्रौंद में उतर दो ताकि ये अपना चुदाई गेम खेल सके .



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